Monday, July 2, 2012

बेतुकी बाते

झूठ
कितना झूठ ,जब की हकीकत इसके ठीक विपरीत है ,मांग भरवा कर सजा तो वो मजलूम पा रही हैं जिन्हें दहेज के कारण जिंदगी भर अत्याचार सहने पड़ते हैं ,कारण कुछ भी हो सकता है ,दहेज ,कम पड़ी लिखी होना ,या कोई दूसरी औरत का पति के जीवन में होना जो की आज कल एक फैशन बनता जा रहा है ,या फिर सास की प्रताडना हो ,सहना औरत को ही पड़ता है ,सजा वो ही पाती है मांग भरवाने की ,न की पति ,जो दिल करे तो सुन लिए नहीं तो किसे परवाह है एक पत्नी की ,हाँ इसके अपवाद भी हैं जो अपनी पत्नी को अपना सर्वस्व मानते हैं ,उसके लिए जान तक देने को तैयार रहते हैं ,उन पर भी ये बात लागू नहीं होती की वो सजा पा रहे हैं ,तो फिर ऐसी बाते किस तरह के पतियों पर लागू होती है ,
शायद वोही जो दिखावे में सब के सामने तो पत्नी को प्यार दिखाते हैं लेकिन दिल से नहीं ,उनके लिए मांग भरना एक सजा हो सकता है ,लेकिन ऐसे पतियों से पत्निय कब खुल कर कभी कुछ कह पाती हैं ,सजा तो यहाँ फिर औरत को ही मिली ,तो ऐसी बेतुकी बाते क्यों ......

2 comments:

  1. ये सिर्फ औरतों का मजाक बनाने के लिए ही है और कुछ नहीं .......नहीं तो हकीकत सभी को पता है .........

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