Tuesday, August 5, 2014

कर्मा





आज भागवत गीता पढ़ते हुये ख्याल आया कि कर्मा चक्र सदैव चलला है, कभी नहीं रूकता फिर हम लोग क्यों आपस में बैर रख कर या किसी दूसरे का बुरा चाह कर अपना कर्मा खराब करें, जिन्होने हमें दुख दिया है या दुख का कारण बने हैं तो उनका कर्मा एक दिन वापस घूम कर उन तक पहुंचना ही है, हम अक्सर किस्मत को दोष देने लगते हैं जब भी हमारे साथ कुछ बुरा होता है और समझ नहीं पाते ये हमारा कर्मा ही लौट कर हम तर पहुंचा है, इसी तरह जिन्होने हमें दुख दिया है वो भी चैन से नहीं सो सकते , उनका कर्मा भी घूम कर उन तक पहुंचेगा ज़रूर , चाहे वो उसे पहचाने या न पहचाने
     हम क्या ले कर आये थे और क्या लेकर जायेंगे, बस कर्मा ही हमारे साथ जायेगा 

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