Saturday, August 18, 2012

मानसिकता

सोच

आज कल ये कैसी सोच हो गयी है सब की ,क्यों हर जगह इस तरह की बातो पर ठहाके लगाए जाते हैं ,क्या ये सचाई है ,या फिर एक खोखली बात ,जिस बात पर आप हंस रहे हैं ,दोस्तों से मजाक कर रहे हैं वो बात आप की पत्नी भी सुनती है और बच्चे भी ,पत्नी तो मन मसोस कर चुप हो जायेगी या एक फीकी सी मुस्कान दे देगी की महफ़िल खराब न हो लेकिन बच्चों पर इन सब बातो का क्या असर होता है ये कोई जानने की चेष्टा नहीं करता ,उस अबोध मन पर ये बाते छप जाती हैं जो की उनके बड़े होने पर उन के संबंधो पर कितना असर डालती हैं ,किसी को भी कोई बात या मजाक करने से पहले सोचना चाहिए ,पत्नी जिसे आपने अपनी जिंदगी का हिस्सेदार बनाया ,फेरे लिए साथ निभाने के वचन दिए ,क्या ऐसे उसका मजाक बनने के लिए ,अगर वो अपनी सहेलियों में बैठ कर आप का मजाक बनाये तो ,क्या बीतेगी आप के मन पर ,और अबोध बच्चे क्या सीखेंगे आप की ऐसी छत्रछाया में ,
हैरानी होती है मुझे ऐसे लोगो पर और उनकी इतनी ओछी बातो पर
क्या सरकार चला और बीवी से निभाना एक ही बात है .....कैसी मानसिकता का विकास हो रहा है हमारे देख में ,

4 comments:

  1. सच कहा ...लोगों का क्या ....! ना सोचते हैं ना ही समझते हैं ...

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