क्या लिखूं
आज तो दिल सोच ही नहीं पा रहा की क्या लिखूं ,दिल में एक हा हा कार है ,पूरा देश स्तब्ध है दामिनी की मृत्यु से ...
एक नारी का इतना अपमान कैसे सह सकते हैं सब ,क्या हमारे देश में अब मर्द सिर्फ नाम के रह गए हैं ,क्योंकि काम तो कोई भी मर्दों वाला नहीं है ,काम तो दरिंदों वाला है ,जानवर भी नहीं कह सकते क्योकि जानवर भी ऐसा काम नहीं करते जो दामिनी के साथ हुआ ,
दिल सोचता है की क्या अब हमारे देश की नारी जागेगी ,क्या अब वो अपनी बेटी बहन को एक इज्ज़त की जिंदगी देने के लिए उसे घुंघट से बहार निकाल कर तलवार पकडाए गी ,अब तो नारा होना चाहिए ,भारत महान नहीं..... जागो भारत .....
भारत जागा कहाँ ...शायद सब शर्म बेच खायी है ,एक पांच वर्ष की बच्ची के साथ इतना अमंविये अत्याचार
जी चाहता है ऐसे पुरुषों को तो ऐसी सज़ा मिले की कोई और ऐसा दुष्कर्म करने के नाम से भी कांप जाए
क्या भारतवासी जागेंगे कभी या सिर्फ नारे लगा कर शांत हो जायेंगे
क्या बेटी पैदा करना गुनाह हो गया है हमारे देश में ...... |
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