हम जो अपने बच्चो को शिक्षा देते हैं ,क्या वो सही होती है ,खुद ही उन्हें समझाते हैं की झूठ मत बोलो ओर खुद ही उनके सामने दुसरो से हम झूठ बोलते हैं ,उनके पूछने पर ये कह कर ताल देते हैं की ये बड़ो की बात है तुम नहीं समझोगे ,सच में वो मासूम समझ ही कहाँ पाते हैं ,सच ओर झूठ में ही उलझ कर रह जाते हैं ,अगर हम खुद ये व्यवहार अपनाते हैं तो बच्चो को किस अधिकार से समझाएं ,बड़े हो कर वो भी वोही कुछ सीखते हैं ओर तब बड़े माँ बाप को जवाब सुनना पड़ता है की आप नहीं समझोगे ,दुनिया बदल चुकी है ... जब अपना किया ही अपने सामने आता है तो सहन नहीं होता ओर घर में कलह होती है ,बड़े कहते हैं की बच्चे हमारी इज्ज़त नहीं करते ओर बच्चों ने जो देखा होता है वोही आचरण अपनाते हैं ,कुछ आस पास का मौहोल भी बिगाड़ने में सहायक हो जाता है |
Saturday, June 8, 2013
अपना किया सामने
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Bahut khoob. Very true. Keep up your good work. You're really very talented and a gifted poet.
ReplyDeleteThanks Sham ji
Deletevichaar achhaa hai
ReplyDeleteआभार
Deletekripyaa mere blog par bhi aane ka kasht kare
ReplyDeleteजरूर अलका जी
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