भारत
मुझे तो आजकल के हालात देख कर लगता है जब हम गुलाम थे
तो ज्यादा सुरक्षित और मर्यादावादी थे ,अपनी माँ बहनों की खातिर लड़ते थे न की अपनी खातिर
,राजनीति में भी सब देश के लिए कुर्बान होनेवाले लोग थे न की देशवासियों को कुर्बान करने वाले
,कमी सब में होती है ,उनमे भी थी लेकिन सिर्फ कमी ही कमी तो आजकल नज़र आ रही है
,बहन बेटी बीवी कोई सुरक्षित नहीं ,
राजनीती में सिर्फ और सिर्फ लूट
,
क्या ऐसी आज़ादी चाही थी देश के शहीदों ने ,
अभी ४ दिन बाद सभी आज़ादी का दिन मन्येगे ,झंडे फह्रान्येगे
,मुझे तो लगता है शर्म से झंडे झुका देने चाहिए ,और उस दिन को याद कर खुश नहीं होना चाहिए की हमारी आज़ादी का दिन है बल्कि
रोना चाहिए ,
की हम तब सुरक्षित थे .
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (11-08-2013) के चर्चा मंच 1334 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeleteआभार अरुण जी
Deleteसही लिखा है !
ReplyDeleteआभार पूरण जी
Deletevery true .....
ReplyDeleteआभार निवेदिता जी
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